रविवार, 21 अक्तूबर 2012

भूली-बिसरी यादें

डाकघर इतिहास की प्रमुख तिथियाँ -
*  ई0पू0 540 में पर्सिया के राजा साईस द्वारा डाक सेवा का आरम्भ हुआ था।
*  ई0पू0 322 में चन्द्रगुप्त के शासनकाल में एक व्यवस्थित डाक व्यवस्था का वर्णन मिलता है जिसमें
    कबूतरों (Pigeon Post), घुड़सवारों, ऊंटों, सन्देश-वाहकों व धावकों का बहुत अच्छा उपयोग सैनिक कार्यों,
    गुप्तचर सेवा, राजस्व वसूली, पत्राचार इत्यादि के लिए किया जाता था।
*  ई0पू0 274 में सम्राट अशोक ने डाक व्यवस्था को मज़बूत किया। उसके शासनकाल  में अश्वारोहियों एवं
    हरकारा  के माध्यम से 17वीं शताब्दी तक सन्देश पहुंचाने का काम किया जाता था।
*  ई0 सन 1001 से 1025 तक मो0 गजनी के शासनकाल में पैदल सन्देश - वाहकों का एक अच्छा संगठन था
    जिसे सर्रन के नाम से जाना जाता था जो गुप्तचर विभाग में सन्देश पहुँचाने का कार्य करता था। इसमें
    निजी डाक पहुंचाने वाले को 'अस्कुदर्स' (Askudars) कहा जाता था एवं इसके प्रमुख को साहिब-ए -कारिद
    कहा जाता था।
*  ई0 सन 1186 से 1206 तक मोहम्मद गौरी के शासन काल में ऊँट एवं घुड़सवार डाक वाहकों को जमाज़ा
    (Jamaza) तथा पैदल सन्देश वाहक को क्वासिद कहा जाता था।
*  ई0 सन 1221 से 1226 तक चंगेज़ खां के शासनकाल में घुड़सवार डाक वाहकों के लिए प्रत्येक 25 मील पर
    चौकी बनवाई गई थी। चौकियों पर विश्राम गृह की सुविधा दी गयी थी। एक दिन और एक रात में 250 मील
    की दूरी तय की जाती थी।
*  ई0 सन 1292 से 1318 तक  
*  ई0 सन 1298 - भारत में मुख्यरूप से पठान शासक अलाउद्दीन खिलजी ने घोड़ों एवं पैदल के द्वारा सेना
    का समाचार जानने के लिए  डाक सेवा शुरू की। भारतीय डाक सेवा का जनक कहलानेवाले शेरशाह सूरी ने
    संचार सुविधा का विस्तार करने के लिए अपने शासनकाल (1541-1545) में बंगाल से सिंध तक ग्रैंड ट्रंक
     रोड का निर्माण कराया। साथ ही सड़क के किनारे जगह -जगह सरायें भी बनवाई।  
*  1516 ई0 में हेनरी अष्टम द्वारा ब्राईन ट्यूक को प्रथम मास्टर ऑफ़ पोस्ट  ऑफ़िस बनाया गया।
*  1656 ई0 में सम्राट अकबर ने ऊंटों के माध्यम से डाक भेजने की  व्यवस्था की थी।
*  1672 ई0 में मैसूर के राजा ने सम्पूर्ण राज्य में डाक परिवहन की व्यवस्था की थी।
*  1688 ई0 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बम्बई (अब मुंबई) में डाकघर-कंपनी पोस्ट-की स्थापना की
    थी।  
*  1773 ई0 में विश्व का प्रथम डाक टिकट पटना में जारी किया गया था। इसका नाम ताम्र (तांबा )टिकट था।
    एक आना और दो आना मूल्य के दो डाक टिकट एक साथ जारी किये गए थे। ताम्र  टिकट के एक तरफ
    अजीमाबाद एकन्नी तथा दूसरी तरफ पटना पोस्ट अंकित था।
      (सन्दर्भ- हिंदुस्तान दैनिक, 9.10.2002- श्री अनिल कुमार, तत्कालीन चीफ़ पोस्टमास्टर, पटना जीपीओ)
*  1774 ई0 में वारेन हेस्टिंग्स ने निजी संचार व्यवस्था को जन सामान्य तक पहुंचाने का काम किया। इस
    अवधि में दो तरह - डिस्ट्रिक्ट पोस्ट  एवं इम्पीरियल पोस्ट - की डाक व्यवस्था का विकास हुआ।
      (क) ज़िला मुख्यालयों तथा राजस्व व् पुलिस अधिकारियों के बीच संचार सुविधा प्रदान करने के लिए
            स्थानीय डाक प्रणाली स्थापित की गयी। इसे डिस्ट्रिक्ट पोस्ट (District Post) कहा जाता था।
      (ख) शाही डाक (Imperial Post) प्रणाली में एक प्रांत से दूसरे प्रांत में डाक लाने -ले जाने का काम किया
             जाता था।
*  सन 1774 ई0 में कलकत्ता (अब कोलकाता), मद्रास (अब चेन्नई) एवं बम्बई (अब मुंबई) में पोस्टमास्टर
    जनरल की नियुक्ति हुई।
*  02.08.1785 को ब्रिस्टल से लन्दन तक मेल कोच सर्विस का परिचालन आरंभ हुआ।
*  15.09.1830 को विश्व में प्रथम मेल ट्रेन का परिचालन लिवरपूल से मैनचेस्टर तक आरम्भ हुआ।
*  सन 1837 ई0 में निजी डाक सेवाओं को प्रतिबंधित करनेवाला अध्यादेश जारी किया गया। भारतीय डाकघर
    अधिनियम, 1837 के लागू होते ही आधुनिक डाकघर का उद्भव हुआ।
*  सन 1840 में लिवरपूल से बोस्टन तक प्रथम मेल स्टीमर समुद्र मार्ग पर चला।
*  06.05.840 को रोनाल्ड हिल के द्वारा पेनी डाक टिकट जारी किया गया था।
*  1852 ई0 में करांची (अब पाकिस्तान) में प्रथम डाक टिकट जारी हुआ था। यह भारत में सिंध के कमिश्नर
    सर बार्टले फेरा ने  सिंदे डाक के नाम से डाक टिकट जारी किया था।
*  09.09.1853 को प्रथम बार रेल द्वारा डाक का संचरण आरम्भ हुआ था।
*  01.10.1854 को एक अलग डाक विभाग का गठन एक अधिनियम के तहत किया गया। विभाग के प्रभारी
   के रूप में एक डाक महानिदेशक की नियुक्ति हुई। साथ ही क्षेत्रीय प्रशासक के रूप में

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें