शुक्रवार, 12 अक्तूबर 2012

ग्राहक सेवा का सर्वोत्तम तरीका


ग्राहक  सेवा  का  सर्वोत्तम  तरीका 

       ग्राहकों  की  ख़ुशी के लिए डाक कर्मचारियों को अपना समय और ध्यान देना  बहुत  जरूरी है। ग्राहक की संतुष्टि  वहनीय  एवं लाभदेय  है। वहनीय  इसलिए  कि  एक संतुष्ट ग्राहक के पास हमेशा खर्च करने के लिए पैसे होते हैं और वह पैसे तभी खर्च करता है जब  मिलने वाले लाभ एवं कीमत के बारे में वह आश्वस्त हो जाय। याद रखिये , ग्राहक हमेशा सही सेवा खोजता है और सेवा के फायदे बेचने की जिम्मेदारी डाक कर्मचारियों की है। वफादार, उत्साही  और लाभदायक ग्राहक को पहचानिए। उस पर  कल्पनात्मक गर्व  कीजिये और उसे महत्व दीजिये। बेहतर ग्राहक सेवा बेहद खर्चीले विज्ञापन से कहीं ज्यादा प्रभावी होती है। बिजनेस  तभी सफल होता है, जब मौजूदा ग्राहकों को संतुष्ट रखा जाये और इस प्रक्रिया के चलते नए ग्राहक को  भी आकर्षित किया जाय। 
         बेहतर सेवा के बहुत सारे पहलू होते हैं। उत्पाद की समस्या से ग्रस्त ग्राहक तक सेवा पहुँचाना बहुत जरूरी है।  प्रत्येक  समस्या के कम से कम दो पहलू होते हैं। कई बार ग्राहक कायदे से ज्यादा  की उम्मीद करता है। लेकिन ज्यादातर दोनों के बीच की स्थिति होती है। सच कहा जाय तो बहुत सी समस्याएँ तकनीकी न होकर मानवीय संबंधों से जुड़ी होती है। प्रायः ग्राहक उम्मीद करता है कि उसकी समस्या सुलझाने के लिए कोई न कोई जरूर समय देगा, यह  अलग बात है कि इससे उसकी पूरी संतुष्टि न हो। अब यह स्पष्ट होता जा रहा है कि अधिक प्रतिस्पर्धा , सूचना विस्फोट तथा ग्राहकों के प्रति चेतना के कारण सुपरवाईजर  एवं कर्मचारी  को तकनीकी  रूप से कुशल होने के साथ-साथ लोगों से व्यवहार करने में भी कुशल होना चाहिए  यानी मानव संबंधों में उसे श्रेष्ठ होना चाहिए। अतः  हमें हमेशा याद  चाहिए  कि तकनीकी पहलुओं की अपेक्षा मानव संबंधों से निपटना ज्यादा अहम् है। ग्राहक मुख्यतया   ज्यादा  लाभ एवं प्रतिष्ठा की वजह से स्वार्थी होते हैं। परन्तु उनके प्रति आपका व्यवहार परम्परा के अनुसार होना चाहिए। जैसे-जैसे आप  आगे  बढ़ेंगे , आप नई बातें सीखते जायेंगे। ग्राहक से चमत्कार की आशा मत कीजिये, स्पष्टवादी बनिए। ऑफिस या काउंटर चलाने का  मतलब है- लाभ के लिए लोगों को संभालना। आप ग्राहक से झगड़ा कभी मत कीजिये और न ही उसे कायदे दिखाइए। ऐसी स्थिति से निबटने के लिए चतुराई से काम लीजिये। यदि आपका ग्राहक नाराज हो जाता है तो वह आइन्दा आपके पास कभी नहीं आयेगा और वह आपका दुष्प्रचारक बन जाएगा।
             हम जो भी काम करते हैं , वह हमारा पेशा है और अच्छे पेशे का मतलब है-लाभ के लिए लोगों को संभालना। यह जान लेना जरूरी है कि हमारे कर्मचारी और ग्राहक हमारे अतीत ,वर्तमान और भविष्य है। 
              प्रायः सुनने में आता है कि अमुक विभाग में काम ठीक  ढंग से नहीं होता है। लेकिन ऐसा क्यों होता है? सीधी -सी बात है कि  हमारी  छवि जैसी होगी ,विभाग की छवि भी वैसी ही होगी। यह केवल एक कर्मचारी के बस की  बात नहीं है। विभाग की छवि बेहतर बनाने के लिए सामूहिक प्रयास अर्थात टीमवर्क करना होगा। डाकघर का काम टीम का काम है।जब हमारी टीम अच्छा काम करेगी - डाकघर का काम अच्छा होगा। जब डाकघर का काम अच्छा होगा तो हमारे विभाग की छवि बेहतर होगी। इतना ही नहीं - इसका सकारात्मक प्रभाव हमारी अगली पीढ़ी  अर्थात हमारे परिवार के बच्चों पर भी पड़ता है। तो आइये , हम अपने विभाग के लिए एक साथ मिलकर कुछ अच्छा करके दिखावें।

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