दीपावली से ठीक दस दिन पहले। स्वर्ग-लोक, मर्त्य-लोक,और पाताल-लोक के सभी दिवाली के शुभागमन की तैयारी में भगवान ब्रह्मा जी का दरबार लगा हुआ था। ब्रह्मा जी द्वारा एक अहम मीटिंग बुलाई गयी थी। इस मीटिंग में सभी देवतागण बुलाये गए थे। सभी देवता सोच में पड़े हुए थे कि सभी लोग घर-द्वार की सफाई में लगे हैं। आखिर ब्रह्मा जी को किस बात के लिए मीटिंग करनी पड़ गयी। मीटिंग शुरू हुई। ब्रह्मा जी ने कहा - "ऐसी सूचना मिली है कि मर्त्य-लोक के कुछ लोग दिवाली में पहले दूसरे के घर में दीया जलाते हैं,फिर अपने घर में। यह अच्छी बात नहीं है। इसीलिए इस बार मर्त्यलोक में यह आदेश जारी करवाया जाय कि लोग पहले अपने घर में दीया जलाया जाय, फिर दूसरे के घर में।
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